Monday, June 24, 2013

PHIR KYUIN


फिर क्यों?       
क्या  बाबू ,क्या अफ़सर , नेता ?
क्यों  करतें  हैं ,मारा -मारी ,
लेकर   कुछ भी  जा  न  सकेंगे
फिर क्यों  इतने   महल अटारी ,
डाक्टर ,टीचर  या व्यापारी -,
एन्जीनियेर भी ,सब नर -नारी .
छीना -झपटी  सब  पर  भारी .
लेकर कुछ भी  जा  न  सकेंगे .
फिर क्यों  इतने  महल अटारी .
सुख -सुविधा तो सही है ,लेकिन ,
जोड़ -तोड़  की नीती   सारी --,
पछतावा ही रह  जाएगा -
फिर  क्यों  इतनी  मारा - मारी ?

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