फिर क्यों?
क्या बाबू ,क्या अफ़सर , नेता ?
क्यों करतें हैं ,मारा -मारी ,
लेकर कुछ भी जा न सकेंगे
फिर क्यों इतने महल अटारी ,
डाक्टर ,टीचर या व्यापारी -,
एन्जीनियेर भी ,सब नर -नारी .
छीना -झपटी सब पर भारी .
लेकर कुछ भी जा न सकेंगे .
फिर क्यों इतने महल अटारी .
सुख -सुविधा तो सही है ,लेकिन ,
जोड़ -तोड़ की नीती सारी --,
पछतावा ही रह जाएगा -
फिर क्यों इतनी मारा - मारी ?
No comments:
Post a Comment