मात्र आन्दोलन
जब तक सेल्फ आॅनेस्टी नहीं आयेगी। भ्रष्टाचार नहीं हटेगा। हम में से हर आदमी भ्रष्टाचार के लिये जिम्मेदार है। आज हम अन्ना हजारे के अगस्त क्रान्ति में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे है। नारे भजन कीर्तिन अहिंसा के माध्यम से बाह्य कर रहें है लोकपाल बिल के पारित होने के लिये। सभाये और धरने दिये जा रहे है। और एक बार जन लोकपाल बिल पारित हो गया, कानूनी संरक्षण बन गया तो फिर क्या होगा उसके बाद? इस अनशन धरने में आम जनता के हर व्यक्ति को यह भी संकल्प लेना होगा कि वह व्यक्तिगत रूप से न भ्रष्टाचार करेगा, न रिश्वत लेगा ना ही देगा। केवल धन में ही भ्रष्टाचार नही है वरन् काम करने नियमों का पालन करने, करवाने आदि सभी में यह घोषणा स्वयं के प्रति, इमानदारी के लिये प्रतिबद्धता ही इस आन्दोलन को सही मायने में सफल बनायेगी। जो जहा है जिस पद पर है जिस उत्तरदायित्व को निभा रहा है उसे अपनी जगह इमानदारी, निष्ठा और उत्साह से पूरा करें। तभी राष्ट्र भ्रष्टाचार मुक्त हो सकता है और हम आने वाली पीढ़ी को एक स्वच्छ सुन्दर नैतिक समाज विरासत के रूप में दे सकेंगे।
जब तक सेल्फ आॅनेस्टी नहीं आयेगी। भ्रष्टाचार नहीं हटेगा। हम में से हर आदमी भ्रष्टाचार के लिये जिम्मेदार है। आज हम अन्ना हजारे के अगस्त क्रान्ति में बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे है। नारे भजन कीर्तिन अहिंसा के माध्यम से बाह्य कर रहें है लोकपाल बिल के पारित होने के लिये। सभाये और धरने दिये जा रहे है। और एक बार जन लोकपाल बिल पारित हो गया, कानूनी संरक्षण बन गया तो फिर क्या होगा उसके बाद? इस अनशन धरने में आम जनता के हर व्यक्ति को यह भी संकल्प लेना होगा कि वह व्यक्तिगत रूप से न भ्रष्टाचार करेगा, न रिश्वत लेगा ना ही देगा। केवल धन में ही भ्रष्टाचार नही है वरन् काम करने नियमों का पालन करने, करवाने आदि सभी में यह घोषणा स्वयं के प्रति, इमानदारी के लिये प्रतिबद्धता ही इस आन्दोलन को सही मायने में सफल बनायेगी। जो जहा है जिस पद पर है जिस उत्तरदायित्व को निभा रहा है उसे अपनी जगह इमानदारी, निष्ठा और उत्साह से पूरा करें। तभी राष्ट्र भ्रष्टाचार मुक्त हो सकता है और हम आने वाली पीढ़ी को एक स्वच्छ सुन्दर नैतिक समाज विरासत के रूप में दे सकेंगे।
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