Wednesday, June 4, 2008

एहसास

यह मन ही तो है जिसके इर्द गिर्द , वातावरण से प्रभावित होकर हमारे जीवन की हर क्रिया प्रतिक्रिया संचालित होती है । मन अगर खुश है , आशान्वित है तो सारा संसार, संघर्ष और सुख-दुःख के थपेड़े सहन करने की असीम ऊर्जा आ जाती है। और मन पर निराशा और संशय के बादल छाये हों तो सबकुछ वैसा ही निष्क्रिय, उदास और गहन पीड़ा से भरा हुआ लगता है। आलस्य घिर आता है । हिम्मत टूट जाती है । जीवन की डोर की पकड़ ढीली होने लगती है। ऊर्जा, स्फूर्ति और अदम्य साहस का स्त्रोत है प्यार ,संवेदना और सुरक्षा की भावना । प्यार का एक मीठा बोल ; सांत्वना का एक कोमल स्पर्श और साथ साथ सदैव बने रहने का विश्वस्त आश्वासन । कितने आश्चर्यजनक परिवर्तन , साहस ही नहीं दुस्साहस, संघर्षों से जूझने और जीतने की जिजीविषा । सफलता - सफलता - सफलता । पीछे मुड़ कर ना देखने की आवश्यकता । प्रशस्त और उज्जवल पथ । यह सब एहसास ही तो है - केवल एहसास

ज़िंदगी खूबसूरत और बेहद
खूबसूरत नज़र आती है।
जब एहसास होता है कि
कोई मुझे प्यार करता है॥
कल्पनाओं के पंख लग जाते हैं,
मन हर ऊंचाईयों को छूना चाहता है ।
निस्सीम गगन में उड़ना चाहता है ,
जब एहसास होता है कि
कोई मेरे लिए दिल से सोचता है ।
मंजिलें साफ, बिल्कुल साफ नज़र आतीं हैं ,
दीवानगी हद से गुज़र जाती है -
क़दमों की चाल में निखार आ जाता है ।
गर लड़खड़ाऊं, कोई थाम लेगा
गले से लगा कर कोई प्यार देगा।
ज़िंदगी खूबसूरत बेहद खूबसूरत नज़र आती है ।

No comments: