Saturday, July 14, 2012

  बिटिया     मेरी
गूंज  उठी  कलरव  से  फूलों  की बगिया मेरी
 घर   आंगन    में बोल  उठी बिटिया  मेरी ,

 चहक  चहक   कर फुदक   रही , फूल फूल    पर

 थिरक   रही, गुन -गुन -गुन की मधुर   ध्वनी  से ,

 गूँज रही , फूलों  की बगिया मेरी ,बोल  उठी बिटिया मेरी

मम्मी ,पापा,बाबा ,दादी कहती , घर आँगन में डोल रही
\कभी  पीठ  पर  ,कभी  पाँव  पर बैठी झूला झूल रही ,
बिटिया मेरी  घर आँगन  में बोल उठी बिटिया मेरी
कभी  नाचती धुन पर ,टी .वी  के    गानों   पर
कभी   ठुमकती   रुनक झुनक   कर पायल को      छनकाती 
 घर आँगन में धू म  मचाती बोल रही बिटिया मेरी 

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