तुम बोधिसत्व हो
असीम ऊ र्जा ,साहस और शुदधता के अंश
तुम बोधिसत्व हो .
निर्मल,सदय़ ,उदार हो ,उस बोधि का एक
नन्हा सा अंश ,
आंसुओं को पोंछ दो,
चिंताओं को छोड़ दो
निराशा ,को दू र कर ,
सोचो ,अपने मूल रूप को
अपराजित,अपरिमेय , जागृत .
तुम बोधिसत्व हो
इश्वर के अंश ,निर्बंध ,
तुम्हें कोंई पराजित नहीं कर सकता
शक्तिशाली ,अणु बम के समान प्रभावशाली
तुम बोधिसत्व हो
तुम बोधिसत्व हो .
उस बोधि का नन्हा सा एक अंशशक्तिशाली ,अणु बम के समान प्रभावशाली ,
असीम ऊ र्जा ,साहस और शुदधता के अंश
तुम बोधिसत्व हो .
निर्मल,सदय़ ,उदार हो ,उस बोधि का एक
नन्हा सा अंश ,
आंसुओं को पोंछ दो,
चिंताओं को छोड़ दो
निराशा ,को दू र कर ,
सोचो ,अपने मूल रूप को
अपराजित,अपरिमेय , जागृत .
तुम बोधिसत्व हो
इश्वर के अंश ,निर्बंध ,
तुम्हें कोंई पराजित नहीं कर सकता
शक्तिशाली ,अणु बम के समान प्रभावशाली
तुम बोधिसत्व हो
तुम बोधिसत्व हो .
No comments:
Post a Comment