Sunday, December 16, 2012

patang

पतंग , ह वाओं  के रुख   से ,
ज़मीन पर  डोर के सहारे .
आकाश में कितनी ऊपर तक
जा सकती है ,देखा है तुमने ?

कभी सोचा  है है तुमने ?हाँ 
कभी सोचा है तुमने ?
सपनों को पूरा करने के लिए .
ऊचे  पर सफलता को  छूने के लिये
 ज़मीन पर मजबूती से खड़ा रहना
जरूरी है ,ज रूरी  है ,सच्चाई
इमानदारी ,और  मेहनत के डोर  की
पकड़  जरूरी  है ,ज़ रूरी है .
और  फिर देखो  ,हाँ वो देखो ,खुले
आकाश में  कहाँ कहाँ दौड़ती है ,भागती है
पहुंचती  है ,सफलता की पतंग .
ज़मीन   पर टिकी डोर के सहारे ,
कभी  देखा  है तुमने?कभी सोचा है तुमने?

कभी  सोचा है तुमने ?कभी देखा है तुमने ?

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