Sunday, February 22, 2015

Vasudhaav kutumbkum

            समस्त पृथ्वी ही कुटुम्ब है
                       वसुधैवकुटुम्ब्कम 
                                           वसुधैव कुटुम्बकम् का अर्थ सही रूप में मैं अब समझ सकी हूँ। छोटे-छोटे एक परिवार दूर देश विदेश में नौकरी के लिये जाते है और फिर आवश्यकतानुसार नई जगह, देशों में अपने तथाकथित परिवार के लोगों से रक्तसम्बन्धों की पकड़ से दूर वही बस जाते हैं। जहाँ बच्चे है नौकरी है पत्नी है या अकेले भी है तो वही पर आस-पास पड़ोस जान पहचान भी हो ही जाती है कुछ से मन मिलता है। कुछ विचारों के मिलने की वजह से जुड़ते है तो कुछ जरूरत के कारण जुड़ते है और धीरे-धीरे वहाँ परिवार के सदस्य ही बन जाते है।  
   
  
  

   

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