आँखे नम कर जाती है
कुछ यादेेें ऐसी होती है
जो दिल पर छाई रहती है
जितना भी दिल टूटा हो
बस आँखें नम कर जाती है
बचपन की स्कूलों की
प्यारे सखी सखाओं की
हॅंसी ठिठोली, जोर-जोरी,
छीना-छीनी, रूठा-रूठी
बस आँख नम कर जाती है
क्यों मौसम बदला करते है
क्यों तेज हवायें चलती है?
सब तितर-बितर हो जाता है
क्यों तेज कसक सी उठती है
क्यों समय बीत हर जाता है
क्यों भूल नही कुछ पाता है
दुख की हो या सुख की यादे
बस आँखे नम कर जाती है
कुछ यादें ऐसी होती है
जितना भी दिल टूट हो
बस आँखें नम कर जाती है
यों दिल पर छाई रहती है
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