आया बसन्त
मेरे उपवन, आया बसन्त
छाया बसन्त, आया बसन्त।
नरंगी पीला, लाल और फिर
हरा गुलाबी रंग अनन्त
मेरे उपवन आया बसन्त
छाया बसन्त, आया बसन्त।
नन्ही कलियों में लदे भरे
फूल झूमते खिले-खिले
कभी मन्द और कभी तेज
पवन के झोकों से, कुछ डरे-डरे।
फूलो में मधु और पराग
कण-कण में बिखरी सुगन्ध
मेरे उपवन आया बसन्त
छाया बसन्त आया बसन्त।
बुलबुल की तो अजब शान
धारे किरीट, गर्वोन्नतमहान
कोयल, महूक, कागा, नीलकंठ
मेरे उपवन, आया बसन्त
छाया बसन्त आया बसन्त
भाया बसन्त छाया बसन्त
मेरे मन भाया बसन्त।
No comments:
Post a Comment