Sunday, February 23, 2014

Hariyaali ke sang jeewan ke rang


                                   हरियाली के संग, जीवन के रंग
    पेड़-पौधे शारीरिक स्वास्थ्य के लिये उपयोगी है वे और उनकी कोमलता और हरापन हमारे जीवन को सुन्दरता से भर देता है। कुछ सुगन्ध फैलाने वाले पौधे और उनकी हरियाली हमारे तन-मन को विभोर कर देती है तो, कुछ पौधे हमें दिन प्रतिदिन की कठोरता से परिचित कराते है।
    अनुसंधान बताते है कि पौधों के बीच रहने और उनमें काम करने से ब्लडप्रेशर कम होता है तनाव घटता है और आदमी सामान्यतः अच्छा महसूस करता है। पेड़-पौधे उगाना चाहे वे सब्जियों के हो या फूलों के , क्रोटन हो या फर्न अपनी विशेषताओं और सुन्दरता से लगभग सब का मन मोह लेते है और एक क्षण के लिये ही सही मुस्कान चेहरे पर आ जाती है।
    घर के अन्दर रखे जाने वाले पौधे हमें एक अवसर प्रदान करते है प्रकृति के साथ रहने का। जब कम हम प्यार से उनकी देखभाल करते है तो बदले मे वे हमें आनन्द देते है जो मनुष्य की स्वाभाविक और सहज भावात्मक आवश्यकता होती है
     कही-कही पर आजकल इन पौधों का उगाना रोगों के उपचार में सहायक मानकर विभिन्न वैज्ञानिक अनुसंधान कर रहे है जैसे ----
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     इनकी योजनाये औषधि के क्षेत्र में वृद्धों और अपंग रोगियों की देखभाल और हास्पिटलों कैंसर के रोगियों, कीमियोथेरेपी के रोगियों के नर्सिंगहोम में स्वास्थ्य लाभ में सहायता मिल सकती है। अगर व्यक्ति थोड़ा सा मानसिक सुकून हरियाली और पेड़-पौधों के बीच महसूस करता है तो शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ हो सकता है।
     इस विचार धारा को मानने वालो का कहना है कि ये पेड़ पौधे किसी न किसी रूप में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उन इन्द्रियों को स्पर्श करते है जो थोड़े क्ंउंहमक या कपउपदपेी हो गये है।
      चमकदार चटकीले रंगों वाले फूल या पौधे आँखों को --  या (उत्तेजित) करते है। मिट्टी की सोधी गन्ध, नमी और हल्की महक ( )    हमें सुख और शान्ति का अनुभव कराती है और अच्छा सुखद स्मृतियों को जगाती है।
       पेड़-पौधों को छूना, सहलाना हमें शान्त करता है जब हम उसके साथ होते है। पत्तों को पानी से धोते है, उन्हे नहलाते है भिगाते है या सूखे पत्तों को हटा कर उसे सुन्दर बनाते है तो हमें बहुत अच्छा महसूस होता है। कोमल, सुखद और आनन्ददायक
       यदि कोई बीमार व्यक्ति जब स्वस्थ होने की प्रक्रिया से गुजर रहा होता है तब बगीचे में थोड़ी देर के लिये टहलना, थोड़ी देर हरियाली के बीच बैठना और अपनों के बीच होना उन्हे जल्दी ठीक होने में सहायक होता है। उनकी निराशा, दुख, पीड़ा, थोड़ी कम होती है। सहन कर सकने की शक्ति बढ़ती है।
        ये सब यदि देखा जाय तो पेड़-पौधों के साथ के सकारात्मक प्रभाव है। अपने काम करने के स्थान पर भी हरे-भरे पौधों को गमले में रखा जा सकता है। जो सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते है। वातावरण को आरामदेय आकर्षक और स्वस्थ बनाते है। तथा कार्य क्षमता को बढ़ाते है।
   यही नही पौधे घर के अन्दर के प्रदूषण को भी कम करते है और बेहतर स्वस्थ वातावरण प्रदान करते है। वे अपने पत्तों के माध्यम से प्रदूषित कणों को अपने में निहित कर लेते है और साफ हवा छोड़ते है अपने सहज प्रक्रिया से ही वह हमारे
ॅंेजम चतवकनबजे कार्बनडाई आॅक्साइड को ग्रहण कर लेते है और आॅक्सीजन तथा नमी प्रदान करते है। हरियाली के संग, जीवन के रंग सचमुच ही एक नई स्फूर्ति और ऊर्जा प्रदान करते है इसमें कोई दो राय नहीं।

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