महक उठी
महक उठी फूलों की डाली
गमक रही फूलों की क्यारी
करण पूछों, मै बतलाऊ --
झूम-झूम मुसकाई बोली
महक उठी फूलों की डाली
नई कली किलकारी उसकी
पत्तों के झूलों में झूली
भौरें तितलियाँ मचल-मचल कर
कोमल किरणे गीत सुना कर
चूम-चूम मुख सब दुख भूली
महक उठी फूलो की डाली
खिले बड़े फूलों ने हँसकर
दुलराया, सहलाया जी भर
आशीषों की उन पर डाली
चूमचाट कर भर दी झोली
महक उठी फूलों की डाली
गमक रही फूलों की क्यारी
करण पूछों, मै बतलाऊ --
झूम-झूम मुसकाई बोली
महक उठी फूलों की डाली
नई कली किलकारी उसकी
पत्तों के झूलों में झूली
भौरें तितलियाँ मचल-मचल कर
कोमल किरणे गीत सुना कर
चूम-चूम मुख सब दुख भूली
महक उठी फूलो की डाली
खिले बड़े फूलों ने हँसकर
दुलराया, सहलाया जी भर
आशीषों की उन पर डाली
चूमचाट कर भर दी झोली
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