आभार
पंख तो थे मगर हिम्मत न थी
उड़ने का साहस तुमने दिया
आशायें तो थी मगर मन का
विश्वास तुमने दिया
कंप-कंपायें थे सहमें थे हर कदम
लड़खड़ाये फिर भी चल दिये हम
सोचा, कोशिश करने वालों की
हार नही होती, किसी ने हाथ थामा
किसी ने काँटे चुन लिये
हमने तो किसी से कुछ न मांगा
मगर रहनुमा मिलते गये
ऐसा लगा कि जो भी मिला
वह खुदा का भेजा बन्दा मिला
मौजो में कश्ती बहाये चले गये
कब और कैसे साहिल पर आ लगे
पंख तो थे मगर उड़ने का साहस तुमने दिया
पंख तो थे मगर हिम्मत न थी
उड़ने का साहस तुमने दिया
आशायें तो थी मगर मन का
विश्वास तुमने दिया
कंप-कंपायें थे सहमें थे हर कदम
लड़खड़ाये फिर भी चल दिये हम
सोचा, कोशिश करने वालों की
हार नही होती, किसी ने हाथ थामा
किसी ने काँटे चुन लिये
हमने तो किसी से कुछ न मांगा
मगर रहनुमा मिलते गये
ऐसा लगा कि जो भी मिला
वह खुदा का भेजा बन्दा मिला
मौजो में कश्ती बहाये चले गये
कब और कैसे साहिल पर आ लगे
पंख तो थे मगर उड़ने का साहस तुमने दिया
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